प्रॉपर्टी और शेयरों की बिक्री पर लगने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स में राहत दी जा सकती है


नई दिल्ली. बजट में सरकार कैपिटल गेन्स टैक्स में राहत के ऐलान कर सकती है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक प्रॉपर्टी बिक्री पर कैपिटल गेन्स टैक्स खत्म किया जा सकता है। डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (डीडीटी) की देनदारी का नियम कंपनियों की बजाय शेयरधारकों पर लागू हो सकता है। शेयर निवेशकों के लिए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स का समय 1 साल से बढ़ाकर 2 साल किया जा सकता है।


प्रॉपर्टी बिक्री पर टैक्स
प्रॉपर्टी बिक्री पर कैपिटल गेन्स टैक्स खत्म होता है तो यह रिएल एस्टेट सेक्टर के लिए अच्छा होगा। अभी नियम है कि प्रॉपर्टी की बिक्री से मिली रकम को 3 साल में फिर से प्रॉपर्टी में ही निवेश नहीं किया तो मुनाफे पर 30% कैपिटल गेन्स टैक्स चुकाना होता है। दूसरी ओर कोई 24 महीने में ही प्रॉपर्टी को बेच देता है तो उसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स चुकाना पड़ता है। 24 महीने बाद 20% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगता है। घर की बिक्री से हुए कैपिटल गेन से अधिकतम दो घर खरीद सकते हैं। लेकिन, टैक्स में छूट का दावा करने के लिए कैपिटल गेन 2 करोड़ रुपए से ज्यादा नहीं होना चाहिए। यह छूट जीवन में सिर्फ एक बार ली जा सकती है।


शेयरों पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स
घरेलू निवेशक एक साल तक शेयर रखने के बाद बेचते हैं तो उन्हें 20% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स चुकाना पड़ता है। एनआरआई के लिए इस टैक्स की दर 10% है।


डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स


शेयरधारकों को दिए जाने वाले डिविडेंड पर कंपनी को अभी 20.56% टैक्स चुकाना पड़ता है। यह कॉर्पोरेट टैक्स से अलग होता है।